बुधवार, 17 दिसंबर 2014

गणेश मानस पूजा

(३१.) फल एवं मिष्ठान्न - 
हे गणाधिप!  भोजन के अनन्तर इन अति स्वादिष्ट एवं मधुर अंगूर, केले, आम, अमरुद, खजूर, जामुन, अनार, बेर, संतरा, मौसमी, शरीफा, तरबूज-खरबूजा-सेंद, खीरा-ककड़ी, लीची-अलुचे-लोआकाट, आडू, शहतूत, शकरकंदी, नाशपाती, नाक, सिंघाड़ा, फालसे, खुबानी-आलूबुखारा, पपीता, एवं नारियल इत्यादि फलों का भोग लगाइए इन फलों को मैंने बड़ी भोर में ही उठकर नदी तट के अनेक रमणीय उद्यानों से चुना है


हे मोदकप्रिय! तत्पश्चात् विभिन्न प्रकार के लड्डुओं यथा तिल, आटे, मोतीचूर, नारियल, बेसन, चौलाई, गोंद के लड्डू इत्यादि को ग्रहण कीजिए, जिन्हें मैंने मन ही मन में अनेक प्रकार की मेवा यथा अखरोट, काजू, बादाम, किशमिश, मुनक्के, चिलगोजे, पिस्ते, चिरौंजी, मखाने इत्यादि एवं घी डालकर बनाया है देखिए! इन मिष्ठान्नों की सुगंध को सूँघकर आपका वाहन मूषक कितनी शीघ्रता से दौड़ा चला आया है। मैं मूषक के सम्मुख मोदक और अन्य मिष्ठान्न समर्पित करता हूँ। देखिए! आपका मूषक कितनी शीघ्रता से इन मोदकों का स्वाद ले रहा है।


 लड्डुओं के ही साथ-साथ इन गुड़, जलेबी, इमरती, गुलाबजामुन, बंगाली रसगुल्ले, कलाकंद, रसमिलाई, रबड़ी, सोनपपड़ी, मथुरा के पेड़े, आगरे का पेठा, बालूशाही, काजू की बर्फी, मूंग की दाल की बर्फी, नारियल की बर्फी, खानकताई, चंद्रकला, गुंजिया, परमल की मिठाई, पान की मिठाई, मिल्क केक, घेवर, मीठी टिकिया, गज्जक-रेवड़ी, मूंगफली-गोला-गुड़-सूजी-चौलाई की पंजीरी, आदि को भी ग्रहण कीजिए। मैंने आपके लिए अनेक प्रकार के हलुए बनाए हैं, जैसे- गाजर का हलुआ, मूंग की दाल का हलुआ, सूजी का हलुआ, आलू का हलुआ इत्यादि कृपया इनका भी भोग लगाइए! अहो! मैं स्वर्ण के थाल से मिष्ठान्न उठाकर अपने हाथों से श्री भगवान् के मुख में दे रहा हूँ, जिन्हें श्रीगणेश अत्यंत आनंद से मुख से धीरे-धीरे खा रहे हैं



तत्पश्चात् इन स्वर्ण पात्रों में केसर, पिस्ता एवं मेवा यथा अखरोट, काजू, बादाम, चिरौंजी, किशमिश, मुनक्के, छुहारे, मखाने, चिलगोजे, नारियल, खरबूजे की गिरी इत्यादि से युक्त गर्मागर्म खीर रखी हैं यथा चावल की खीर, गाजर की खीर, साबूदाने की खीर, मखाने की खीर, सूजी की खीर इत्यादि! हे विकट स्वरूप वाले महाकाय गणेश भगवन्! इन सभी को स्वीकार कीजिए। इसके पश्चात् मैं पुनः आपके हाथ और मुख धुलवाऊँगा हे दीनदयाल देव! फिर आप पुनः इस सुगंधित जल से आचमन कीजिए



Ganesh Manas Puja 31. Ganesha having fruits & sweets

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