बुधवार, 17 दिसंबर 2014

गणेश मानस पूजा

(३२.) तांबूल- 
हे गणराय! भोजन, फल एवं मिष्ठान्न ग्रहण करने के पश्चात् अब आप इस तांबूल (पान) को स्वीकार कीजिए, जिसे मैंने आठ विभिन्न प्रकार के सुगंधित मसाले यथा सौंफ, मिश्री, इलायची, गुलकंद, कसा हुआ नारियल एवं छुहारा, लौंग, सुपारी इत्यादि डालकर तैयार किया है 


हे मेरे प्यारे गणेश! इस पान को चबा-चबाकर अपने मुख को शुद्ध एवं ताजा कर लीजिए। अहो! मैं कितना भाग्यशाली हूँ कि मैं अपने हाथों से गणेशजी को पान खिला रहा हूँ और वे पान चबाते हुए मुझे देखते हुए मंद-मंद मुस्कुरा रहे हैं।


गणेशजी की थाली का शेष भोजन (प्रसाद) ऋद्धि-सिद्धि ग्रहण कर रही हैं और कुछ प्रसाद मुझे और अन्य भक्तजनों पर कृपा कर मुस्कुराते हुए प्रदान कर रही हैं। गणेशजी के अधरामृत से रससिक्त उस प्रसाद को पाकर मेरे अन्तःकरण में प्रभु के प्रति प्रेम और भी अधिक उमड़ने लगा है। 



अब गणेशजी अपने हाथों से ऋद्धि-सिद्धि के मुस्कुराते हुए मुख में तांबूल दे रहे हैं और उनके संग विश्राम कर रहे हैं। मैं गणेशजी के वस्त्रों एवं पात्रों का प्रक्षालन कर रहा हूँ





Ganesh Manas Puja 32. Ganesha having betel

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