शनिवार, 6 दिसंबर 2014

गणेश मानस पूजा

(१३.) गणेश पूजन- पुष्प- 
श्रीगणेश अब वापिस अपने कक्ष में पधार रहे हैं और मुस्कुराते हुए सिंहासन पर आसीन हो गए हैं मैं पुनः आपके चरणों का प्रक्षालन कर उन्हें पौंछ रहा हूँ। तीन थालियों में मोगरा, चंपा, चमेली, गुलाब, हरसिंगार इत्यादि फूल रखे हुए हैं। 

हे शंभुनंदन श्रीगणेश! मैं आपको अपने मन में ही विविध प्रकार के रंग-बिरंगे पुष्प यथा चंपक, कमल, नीलकमल इत्यादि अर्पित कर रहा हूँ, जो मैंने अनेक उद्यानों, जंगलों, पर्वतों एवं सरोवरों से चुन-चुनकर इस सुंदर डलिया में सँजोए हैं इन सुंदर एवं सुगंधित पुष्पों को धारण कर प्रसन्न होइए


मैं इन पुष्पों को पिरोकर ये सुंदर मालाएँ एवं भगवान् के विभिन्न अंगों के आभूषण बना रहा हूँ। इन मालाओं को मैं आपके गले में डाल रहा हूँ और इन पुष्प आभूषणों को आपके अंगों में पहना रहा हूँ। फूलों में सजकर आप अत्यधिक सुंदर लगने लगे हैं।


मैं 'जय गणेश' नाम अथवा अन्य मंत्र का जप करता हुआ प्रत्येक मंत्र के साथ आपके
पावन चरणों में संसार के सबसे सुंदर पुष्पों, अथवा बिल्वपत्रों को अर्पित कर रहा हूँ

हे विद्यावारिधि गणेश! ॐ की आकृति की इन मंदार एवं शमी के वृक्षों की सुंदर पत्तियों को मैं इन पुष्पों के ऊपर आपको समर्पित कर रहा हूँ कृपया इन्हें स्वीकार कीजिए और मुझ पर प्रसन्न होइए


हे भक्तजनों के कार्यों को निर्विघ्न संपन्न करने वाले दीनपालक श्रीगणेश! मैं आपको ये दूर्वा घास के सुंदर पौधे अर्पित कर रहा हूँ, जिनमें ५ कोमल पत्तियाँ एवं कोमल तनें हैं हे वक्र दाँत वाले श्रीगणेश! इसे स्वीकार कीजिए


मैं ऋद्धि एवं सिद्धि माता के केशों के लिए फूलों की सुंदर वेणी तथा अन्य अंगों के लिए पुष्प से बनाए गए सुंदर आभूषण अर्पित करता हूँ, जिन्हें मैंने स्वयं अपने हाथों से बनाया है




Ganesh Manas Puja 13. Flowers for Ganesha 

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