बुधवार, 17 दिसंबर 2014

गणेश मानस पूजा

(२६.) नीराजन/ शृंगार आरती- 
हे विघ्नराज गणेश! स्वर्ण के इस थाल में प्रज्ज्वलित कपूर एवं असंख्य बत्तियों द्वारा मैं गंगा तट पर ऋद्धि-सिद्धि सहित सिंहासन पर विराजमान आप गणेश का नीराजन (शृंगार आरती) करता हूँ कृपया अपने भक्तजनों के मस्तिष्क में छाए हुए अज्ञान के अंधकार को दूर कीजिए और उन्हें अपनी विमला भक्ति की अमृतधारा से सराबोर कर दीजिए



हे शुभ-लाभ के पिता प्रिय गणेश! वेदमंत्रों, पुराणों के श्लोकों एवं आपके दिव्य नामों के उद्घोषों के संग मैं आप पर इन सुंदर पुष्पों एवं उनकी पंखुड़ियों की वर्षा कर रहा हूँ कृपया इन्हें स्वीकार कर प्रसन्न होइए



Ganesh Manas Puja 26. Ganesha's neerajan (Shringar aarti) 

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