गणेश मानस पूजा
(२७.) प्रदक्षिणा-
हे ऋद्धि-सिद्धि के पति! मैं मन ही मन सिंहासन पर आसीन आप श्रीगणेश की आपके नामों का उच्चारण करते हुए और आपके ऊपर पुष्प वृष्टि करते हुए, आपके तथा ऋद्धि एवं सिद्धि माता के चारों ओर तीन बार प्रदक्षिणा कर रहा हूँ।
हे ऋद्धि-सिद्धि के पति! मैं मन ही मन सिंहासन पर आसीन आप श्रीगणेश की आपके नामों का उच्चारण करते हुए और आपके ऊपर पुष्प वृष्टि करते हुए, आपके तथा ऋद्धि एवं सिद्धि माता के चारों ओर तीन बार प्रदक्षिणा कर रहा हूँ।
कृपया प्रसन्न होइए और मुझे संसार के बंधन से मुक्त कर अपनी
शरण में ले लीजिए।
Ganesh Manas Puja 27. Circumambulation to Ganesha
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