गणेश मानस पूजा
(४.) अर्घ्य
& आचमन-
हे सुमुख! अब आपके चरणों का प्रक्षालन हो चुका है। अब आप इस सुगंधित एवं मधुर जल से, जिसे मैंने कपूर एवं इलायची डालकर तैयार किया है, से अर्घ्य (हस्त & मुख प्रक्षालन) एवं आचमन (कुल्ला) कर लीजिए। इसके उपरांत मैं आपके हाथ एवं मुख पुनः रेशमी वस्त्र से पोंछता हूँ। हे प्रभु! अब तनिक एक बार पुनः मेरी ओर दृष्टिपात कर मुस्कुरा तो दीजिए।
हे सुमुख! अब आपके चरणों का प्रक्षालन हो चुका है। अब आप इस सुगंधित एवं मधुर जल से, जिसे मैंने कपूर एवं इलायची डालकर तैयार किया है, से अर्घ्य (हस्त & मुख प्रक्षालन) एवं आचमन (कुल्ला) कर लीजिए। इसके उपरांत मैं आपके हाथ एवं मुख पुनः रेशमी वस्त्र से पोंछता हूँ। हे प्रभु! अब तनिक एक बार पुनः मेरी ओर दृष्टिपात कर मुस्कुरा तो दीजिए।
Ganesh Manas Puja 4. Ganesha hands & mouth wash (Arghya) and Aachman
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